नया साल: पुराना अंदाज

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देखते ही देखते , हो  गया बवाल

सुनो मेरे भाई , आ गया नया साल।

न कोई प्लान है , न कोई इंतजाम

घर बैठ बोलो बस जयजय  राम।।


तुमने क्या सोचा मै पार्टी में जाऊंगा

नाच गाना करके , उधम मचाऊंगा

न बाबा न, हमसे न होगा

न बाबा न, कभी न होगा।



अपनी तो दुनिया अलग ही है,

अपनी तो मस्ती अलग ही है।

एक कप चाय, और ढेर सारी बात

ऐसी होती है,भाईयों की मुलाकात।।


नये नये ख्वाब और नयी नयी सोच,

छूना आसमान है, ऐसी approach.

पास मत आना बड़ी तेज चाल है

आंखों मे जुनून , और नया साल है।

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कहने को तो नया साल आ रहा है, पर दुर्भाग्य ये है कि हम और हमारी सोच पुरानी ही है। ये कोई नई बात नहीं है, हर वर्ष हम नववर्ष काफी उल्लास से मनाते हैं, परंतु हम इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ हो-हल्ला करना, पार्टी करना, हमारी जिंदगी में रौनक नहीं ला सकता है।

हमें हर दिन को एक नई ऊर्जा के साथ जीना होगा।

हां नववर्ष में लिया गया निर्णय बहुत ही बेहतरीन कदम है, अगर हम अपने निर्णय पर वर्ष भर अटल रहें।।

               Aditya Adi Mishra

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