#Rishikapoor #IrfanKhan #Bollywood #Corona #blog #adityamishravoice
अपनी पहली में फिल्म नेशनल अवार्ड, बेबाक अंदाज और जिंदादिली के धनी ऋषि कपूर का जाना सिनेमा के लिए बड़े नुकसान जैसा है। 2020 साल होलसेल में दुखों को लेकर आया है। पहले कोरोनावायरस, फिर एक्टिंग की पाठशाला इरफान खान और अब चिंटू अंकल।
कहते हैं समय किसी का इंतजार नहीं करता पर इस बार लग रहा है कि वक्त ने मुसीबतों का टोकरा सिर पर रखकर 2020 में कदम रखा है। इंसान का जीना और मरना अनिश्चित है लेकिन अपनी जिंदगी को एक मिसाल बना कर प्रस्तुत करना काबिलियत है। यही कर दिखाया ऋषि कपूर और इरफान ने।
एक कपूर खानदान का चॉकलेटी बॉय और दूसरा राजस्थान के सामान्य परिवार में जन्मा लड़का, पर मेहनत और काबिलियत में कोई कमी नहीं. शायद इसीलिए आज सभी उन्हें सलाम कर रहे हैं। ऋषि कपूर ने विरासत में सिनेमा को पाया और उसे सहेज कर रखा। उन्होंने बताया कि आप अपनी प्रतिभा से ही जाने जाएंगे, खानदान से नहीं।
अभिनय की परिभाषा इन कलाकारों में निहित है। अपनी अदायगी का ऐसा तड़का लगाया कि सब दीवाने हो गए। ‘मेरा नाम जोकर’ वाला छोटा क्यूट बच्चा, जब ‘अग्निपथ’ में रउफ लाला के किरदार में नजर आया, तो सबके पसीने छूट गए। जब ‘प्रेम रोग’ में मोहब्बत के गाने गाये, तो सभी दीवाने हो गए।
दूसरी तरफ इरफान को अपने आप में एक्टिंग का स्कूल कहा जाता है। सुपरस्टार कल्चर और स्टारडम के इस दौर में इरफान खान सिर्फ अभिनेता और कलाकार बन कर रहे। जब बीहड़ के ‘पान सिंह तोमर’ बने तब लगा कि यह मासूमियत और अक्खड़पन ही असलियत है। ‘आन’ में जब पठान का चोगा पहना, तब लगा कि विलेन भी तालियां लूट सकता है। लंच बॉक्स, पीकू, मकबूल स्लमडॉग मिलेनियर से जुरासिक पार्क तक का बड़ा सफर तय करने वाला, आज लंबे सफर पर निकल गया।
कलाकार ऐसा जो हर किरदार को जीवंत कर दे। आज के उभरते कलाकारों के लिए एक ग्रंथ है, इरफान खान की जिंदगी। एनएसडी से होते हुए टीवी सीरियल और फिर हॉलीवुड तक की उड़ान भरने वाले इस सितारे ने सिनेमा को धन्य कर दिया। ऐसे सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को विनम्र श्रद्धांजलि।

– Adityamishravoice