खबर का असर

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खबर: प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकेज का किया ऐलान, कुल रकम 20 लाख करोड़ जो भारत की कुल जीडीपी का लगभग 10%

असर: नए पैकेज के साथ ही नई नई प्रतिक्रियाएं भी आने लगी। विपक्ष ने आंखों पर हमेशा की तरह पट्टी बांध ली और विरोध के ढोल को बजाने लगे। वहीं समर्थक भी बिना किसी टीका टिप्पणी और सवाल के जय-जयकार करने लगे.

सबसे पहले अगर विपक्ष की प्रतिक्रियाओं पर नजर डालें तो कुछ ने इसे एक और जुमला बताया। वहीं कई इतनी बड़ी रकम को कम आंक रहे थे। कुछ ने नए सुझाव और पुराने वादों की पत्रिका को खोल दिये। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि पैकेज जीडीपी का 10% नहीं, 50% होना चाहिए। इन सबके बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका स्वागत भी किया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिर्फ हेड लाइन और खाली कागज थमा दिया है।

फिल्मी दुनिया से जुड़े अनुराग कश्यप ने तंज कसते हुए कहा कि जो 15 लाख देने थे, उसी को मिलाकर यह पैकेज बनाया गया है। इस नकारात्मक कोरोना काल में विपक्ष ने मोदी की आत्मनिर्भर भारत वाली पटकथा को दरकिनार कर दिया। हालांकि सवाल करना उनका हक है।


बात अगर पक्ष वालों की करें तो सबसे पहले ट्विटर आर्मी और मीडिया ने मोर्चा संभाला। उन्होंने मोदी के एक एक शब्दों को वैसे ही उतारना शुरू कर दिया। मोदी के शब्द ब्रेकिंग न्यूज़ और ट्विटर ट्रेंड बन गए थे। उसके बाद फिर 20 लाख करोड़ की भारी-भरकम रकम को पाकिस्तान से जोड़कर तुलनात्मक अध्ययन किया गया। वैसे भी हमारे यहां पाकिस्तान खाने में अचार की तरह है, बिना उसके स्वाद नहीं आता। लोगों ने इतनी बड़ी रकम हुआ जीरो कितने हैं, यह गिनना शुरु कर दिया।

लोगों ने कहा कि पाकिस्तान इसे झूठा पैकेज कह रहा है क्योंकि उनके अनुसार इतनी बड़ी रकम होती ही नहीं है। इसके बाद पाकिस्तान की कुल अर्थव्यवस्था को भी इससे नापा तोला जाने लगा। अगले चरण में नंबर आया मंत्री और अन्य बड़े लोगों का, जिन्होंने तथ्यों पर ऊपरी मिर्च मसाला लगाकर स्वादिष्ट बना दिया। इसके बाद परोसने के लिए सोशल मीडिया वाली आर्मी पहले से ही तैनात थी। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी का भी जिक्र किया, जिस पर कई बड़े स्वामी प्रसन्न होते दिखाई दिए। उन्होंने अपने आसपास की लोकल वस्तुओं का इस्तेमाल करने की सलाह दी।

जबकि वास्तविकता अभी यह है कि देश के प्रधानमंत्री ने एक मुखिया की हैसियत से सामने आकर लोगों का ढांढस बढ़ाया। अपने पूरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने भूमिका थोड़ी ज्यादा बनाई और जानकारी कम दी। लेकिन इससे आम लोगों के बीच में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार जरूर हुआ। नए लॉक डाउन और आर्थिक पैकेज की पूरी जानकारी अभी नहीं मिली, पर विपक्ष और पक्ष के बीच तू-तू मैं-मैं का नया अध्याय जरूर खुल गया।

Adityamishravoice

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