मैन इन मास्क

#mask #Corona_effect #blog #hindi #adityamishravoice

हठ कर बैठा चांद एक दिन माता से यह बोला,
सिलवा दे मां मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला.

अगर रामधारी सिंह दिनकर जी ने आज यह कविता लिखी होती तो शायद चंदा मामा झिंगोला नहीं मास्क मांग रहे होते। खैर अभी तो मास्क लगाने की बारी हमारी है। धीरे-धीरे यह आदत बनती जा रही है, शर्ट पैंट के साथ मास्क भी पोशाक का हिस्सा बन रहा है। शॉपिंग मॉल खुलते ही सबसे पहले वहां के पुतलों की पोशाक में मास्क एड किया जाएगा। तभी तो आप अंदाजा लगा पाओगे कि आखिर दिखना कैसे हैं! टीवी पर प्रचार में नजर आने वाले मॉडल शर्ट पहने, या ना पहने पर मास्क जरूर पहनेंगे।

अब एक दिलचस्प सवाल यह उठता है कि शर्ट उतारकर फिल्में हिट करवाने वाले सलमान भाई मास्क नहीं उतार पाएंगे। खैर जो भी हो अब तो ‘रहिमन का पानी नहीं, मास्क बिना सब सून’ नजर आने लगा है। अपनी पहचान छिपाने वालों को अब कम मेहनत करनी पड़ेगी, वहीं लंबी दाढ़ी वाले भी कोई ना कोई जुगाड़ ढूंढ ही लेंगे। छोटे से बड़ा, गरीब से अमीर सभी अब मास्क की गंगा में एक साथ तैरेंगे। जरूरत भी है. क्योंकि जान है, तभी तो जहान है।

वैसे इसके बाद लोगों की पहचान करना कठिन हो जाएगा, अभी भी यह काम आसान नहीं है। पर मास्क के बाद थोड़ा ज्यादा दिक्कत होगी। फिर हो सकता है पहचान के लिए आधार कार्ड गले में डालना अनिवार्य हो जाए। सबके आधार कार्ड बन भी गए हैं और मोबाइल से लेकर राशन कार्ड तक से लिंक भी हो गए हैं। ऐसे में आधार ही पहचान को आधार देने का काम कर सकता है।

अभी तक सिर्फ अस्पताल के विशेष कमरे में या ऑपरेशन के दौरान मास्क लगे देखते थे। इसके अलावा फॉरेंसिक और रिसर्च विभाग वाले भी मास्क में नजर आ जाते थे, पर अब हम सभी एक जैसे लगते हैं। इसीलिए इन लोगों को कोई नया विकल्प सोचना होगा।
मास्क हमारी जरूरत के साथ आदत में शुमार हो रहा.
अच्छा है, मास्क ही अभी हथियार है जो जान बचा रहा।

Adityamishravoice
Twitter:- @voiceaditya

Dreams Times

13 thoughts on “मैन इन मास्क

Leave a comment