बकवास

बातचीत के कई प्रकार होते हैं, अक्सर बातों की एक निरर्थक कड़ी को बकवास का नाम दे दिया जाता है. काम की बात सुनने के बाद अन्य शब्द बकवास की श्रेणी में आते हैं. बकवास करना एक कला है, जिसका सही मतलब सबकी समझ में नहीं आता. वास्तव में असली मजा बातचीत के इसी प्रकार में है. लोगों को कामकाज से हटकर थोड़ा इधर-उधर भी हाथ आजमाना चाहिए. दैनिक जीवन में चाय की टपरी से लेकर संसद के गलियारों तक बातचीत का सिलसिला शुरू रहता है. सबका अपना अलग-अलग महत्व है. किसी के लिए वही कथन उपदेश की तरह काम करता है, वहीं दूसरों के लिए वह महज बकवास होता है. चुनावी रैली में अक्सर एक नेता का भाषण विपक्षी को बकवास ही लगता है.

इन सबसे हटकर वास्तविकता यह है कि कई बार बातचीत का असली अर्थ बकवास से ही पता चलता है. अगर आप बकवास करना जानते हैं, मतलब आप जिंदगी का असली मजा ले रहे हैं. जो व्यक्ति बकवास नहीं करता उस में बातचीत के सभी गुण मौजूद नहीं होते. इसीलिए बकवास करना भी कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दिल की बात, मन की भड़ास अक्सर ऐसे ही किसी प्रसंग में बाहर आ जाती है. हम बकवास करते समय भी बात कर रहे होते हैं. जिसे इन बातों को भी सुनना आ गया, वह कई रहस्यों का जानकर भी हो जाता है. इसीलिए बकवास में छिपे ज्ञान को भी ध्यान से सुनें.

कभी-कभी जरूरी है बिना मतलब के ही बोला जाए.
दिल और मुंह खोल जी भर कर खुद को टटोला जाए.

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