खुशी एक, रास्ते अनेक
खुशियों का अगर एक बाजार होता, तो धंधा उम्मीदों के पार होता.न कोई मोल भाव, न उधारी का झंझट.खुशी सब की आवश्यकताओं में सबसे ऊपर है. हां उसको पानी के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं. किसी की खुशी दूसरे का गम भी हो सकता है. वहीं कोई परेशान आदमी खुशी के माहौल में अच्छा महसूस […]
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