तुम हो तो…
मन उदास था, न किसी से बात करने का जी हो रहा था। न कहीं देखने का। इसीलिए सिर नीचे झुकाया और एक कोने में खड़ा हो गया। मेट्रो धीरे-धीरे हिचकोले लेकर आगे बढ़ रही थी। कुछ टेक्निकल खराबी थी शायद। बिल्कुल मेरे दिमाग की तरह। इन सबके बीच पता नहीं वो कितनी देर से […]
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