रास्ते में भटकना बुरा नहीं है, बुरा है घर से ना निकलना

हर दिन खुद एक जंग लड़नी पड़ती है, फिर चाहे वह रोज नहाने के लिए हो या खुद को आगे ले जाने के लिए. अपनी लड़ाई जिसने लड़ना सीख लिया उसके लिए जिंदगी में काफी कुछ आसान हो जाता है। हर बार लड़ाई लड़कर हम जीतते ही नहीं है कई बार बहुत कुछ सीखते भी हैं, वैसे भी एक बहुत बड़ा सत्य यह है कि लड़ाई में जीतने वाला नहीं सीखने वाला आगे जाता है। कहना आसान है, लेकिन करना काफी कठिन है. छोटे से उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. सुबह उठना हर मामले में अच्छा होता है, लेकिन यह भी सही है कि सुबह ही सबसे अच्छी नींद आती है। यहीं पर आपको अपनी लड़ाई साबित करनी है, अगर आप खुद से जीत गए तो आप सुबह उठेंगे और उगते सूरज के साथ-साथ उभरते हुए खुद को भी देख पाएंगे. छोटी-छोटी शुरुआत एक बड़े लक्ष्य की ओर ले जाती है, जरूरी नहीं है कि हर बार एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाला ही महान कहा जाए. कई बार नियमित सुबह उठने वाला भी बहुत कुछ कर जाता है.

कहावतों में मन को नियंत्रित करने की बात कही गई है, मन हमारी सारी गतिविधियों का जिम्मेदार होता है। जो बातें हमारी आदत में आ जाती हैं,स्वत: ही हो जाती हैं। लेकिन यह भी सही है कि जो हमारे लिए जरूरी होता है, वह हमारी आदत नहीं बन पाता. इसीलिए अपनी आदतों पर नियंत्रण रखना ही जरूरी हो जाता है।

मैं यह नहीं कहता कि आसान है लेकिन इतना दावे के साथ कहता हूं कि मजा बहुत आएगा. एक बार सुबह उठकर घर से कुछ दूर चल कर देखो, जिंदगी की असली दौड़ में जीतने का जज्बा मिल जाएगा. बात सिर्फ सुबह उठने की नहीं है बात हर उस छोटी दिनचर्या की है, जो हमारे लिए जरूरी है. पहले दिन कोई भी कार्य आसान नहीं होता, दूसरे दिन विश्वास डगमगाने लगता है और तीसरे दिन यह लगता है कि अब ज्यादा हो गया. लेकिन धीरे-धीरे जैसे दिन बढ़ते जाते हैं आपका विश्वास भी बढ़ता जाता है. इसीलिए कमर कस लें और खुद से लड़ने के लिए तैयार हो जाए क्योंकि यहां मित्र भी आप हैं और शत्रु भी आप ही हैं.

Adityamishravoice

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